न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी | अर्थात: कारण समाप्त हो जाने पर परिणाम स्वतः ही समाप्त हो जायेंगे | नाच ना जाने आँगन टेढ़ा | अर्थात: स्वंय की अकुशलता को दूसरों पर थोपना | अन्धों में काणा राजा | अर्थात: मूर्खों में कम विद्वान भी श्रेष्ठ माना जाता है | घर का भेदी लंका ढाए | अर्थात: राज़दार ही विनाश का कारण बनता है | गरजते बादल बरसते नहीं | अर्थात: शक्तिहीन व्यक्ति निरर्थक चिल्लाता है | वह कुछ कर नहीं सकता है | अपने पैरों पर खड़ा होना | अर्थात: स्वालंबी होना वाक्य: युवकों को अपने पैरों पर खड़े होने पर ही विवाह करना चाहिए । अक्ल का दुश्मन | अर्थात: मूर्ख वाक्य: लगता है आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो । अपना उल्लू सीधा करना | अर्थात: मतलब निकालना वाक्य: आजकल के नेता अपना उल्लू सीधा करने के लिए ही लोगों को भड़काते है । आँखे खुलना | अर्थात: सचेत होना वाक्य: ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आँखे खुलती है । आँखे दिखाना अर्थात: क्रोध करना वाक्य: मैंने सच बातें कह दी , तो वह मुझे आँख दिखाने लगा । आसमान से बातें करना अर्थात: बहुत ऊँचा होना वाक्य: आजकल इमारते आसमान से बातें करती है । ईंट से ईंट बजाना अर्थात: पूरी तरह नष्ट करना वाक्य: राम, अपने शत्रु की ईंट से ईंट बजा दे। ईंट का जबाब पत्थर से देना | अर्थात: जबरदस्त बदला लेना वाक्य: भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा । ईद का चाँद होना | अर्थात: बहुत दिनों बाद दिखाई देना वाक्य: राम, तुम ईद के चाँद हो गए हो । उड़ती चिड़िया पहचानना | अर्थात: रहस्य की बात दूर से जान लेना | वाक्य: वह इतना अनुभवी है कि उसे उड़ती चिड़िया पहचानने में देर नहीं लगती । उन्नीस बीस का अंतर होना | अर्थात: बहुत कम अंतर होना | वाक्य: राम और श्याम, दोनों में उन्नीस बीस का ही अंतर है । Photo by: - Submitted by: Janaab Submitted on: Category: Folklore Language: हिन्दी/Hindi - Read submissions at http://abillionstories.wordpress.com - Submit a poem, quote, proverb, story, mantra, folklore, article, painting, cartoon, drawing, article in your own language at http://www.abillionstories.com/submit |